Tuesday, December 9, 2014

Jain Religion Hindi Poetry

"  जैन धर्म  "
💖  खुश किस्मत हूँ, पुण्यशाली हूँ
         जैन धरम में जनम मिला।
      खुश किस्मत हूँ , पुण्यशाली हूँ
          महावीर का, मनन मिला ॥
💖   मनन मिला, चींतन मिला
          तीर्थंकर भगवानों का।
         सार मिला, अमृत मिला
         आगम और शास्त्रों का ॥
    महावीर ने, अपनी वीरतासे..
        सिद्ध शिला का वरन किया।
           जीव दया के संदेश से..
        दानवता का हरण किया ॥
     गर्भ में माँ त्रिशला के..
        महावीर प्रभु जब आए थे।
           स्वर्ग में बैठे इन्द्रों के
        सिंहासन भी कम्पाये थे ॥
   आखरी भवमे, जन्मे ऐसे
           न दोबारा जन्म मिले ।
          जन्म-जन्म के कर्म कटें
     भवी जीवों को मोक्ष मार्ग मिले ॥
  जैन एक धर्म है, जात नहीं है..
        भवी जीव! सब सुन लेना !
        नस्लों का सौगात नहीं है,
         इतना सभी समज लेना ।
   जैन धरम का.. त्याग से..
           ईतना गहरा नाता है।
      एशो-आराम से जीवन काटते
          जैन नहीं बन पाता है।
  जैन धर्म नहीं मिल सकता..
        बाजारों औरॅऑ चोबारों में।
       नहीं वह कभी नजर आएगा
          आतंकी हथियारों में॥
  नहीं कभी वह मिल पायेगा
          प्यालों में, मधुशाला में ।
          धर्म मिलेगा तुम्हे सिर्फ
          त्यागी चंदनबाला में॥
   कर्मो के ऊँचे शिखरों को
          देखते देखते तोड़ दिया ।
          मानव से मानवताई को
           देखो कैसे जोड़ दिया ॥
   बीच भंवर में फंसी नाव को
          एक भवमे ही, पार किया ।
           सब जीवों को शांतीसे,
         जीने का अधिकार दिया॥
   शरमाते हैं, भागते हैं जो..
          संतो का नाम पडने पर।
           इतरायेंगे, पछताएंगे,
           मृत्यु आते जानकर॥
   जैन संत, कोई नाम नही
           पाखंडो और पंडों का।
          ठर्रा-बीडी, धुआं चीलमी
          बडे पेटवाले पंडो का ॥
     जैन संत की, महिमा जगतमें
            इतनी  बड़ी, निराली है।
       तप और त्याग की बगिया को
             सींचे, जैसे माली है॥
    साधू बनना खेल नही है
           तमाशा करने वालों का।
          तेल निकल जाता है, देखो
         अच्छे-अच्छे, पहलवानो का॥
    मानव योनि मिली जब गई है
           धर्म करो, कल्याण करो।
            बंद पींजरेमे, कैद जो है
          आतम का उत्थान करो॥
💥  शोर-शराबा, बाहरी दीखावा,
          करने से, ना लाभ होगा ।
        जींदगी सारी गुजर जायेगी
        खाली हाथ, रह जायेगा ॥
   करना है तो धर्म ही करो,
        महावीर प्रभुको याद करो।
      पल-पल मत, जीवन का तुम
          ईस तरह बरबाद करो ॥

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