Crazy Diaries
Fun, Enjoyment, Happinezzz and Readable ... :)
Wednesday, June 28, 2023
Thursday, May 18, 2023
Thursday, January 16, 2020
16 Jan 2020 After Long Time
Its a long time from my last post. Thanks for reading my posts.
Love
Harak
Love
Harak
Sunday, May 10, 2015
10.05.15
After a long time. I am writing my Blog.
Its Happy feeling. I am now using Couch Surfer planning. Awesome website. Tried listing my home at airbnb.com, bought MacBook Air. Many things have changed and evolved.
Just travelled back from Hong Kong and China, nice trip.
Working with a very strong team to come with awesome products.
I wish to learn which are new books to read, Please suggest me books.
Harak
Wednesday, December 10, 2014
Jain Religion India
खुश किस्मत हूँ जैन धरम में जनम मिला।
खुश किस्मत हूँ महावीर का मनन मिला॥
मनन मिला है चोबीसों भगवानो का।
सार मिला है आगम-वेद-पुराणों का॥
जैन धरम के आदर्शो पर ध्यान दो।
महावीर के संदेशो को मान दो॥
महावीर वो वीर थे जिसने सिद्ध शिला का वरन किया।
मानव को मानवता सौंपी दानवता का हरण किया॥
गर्भ में जब माँ त्रिशला के महावीर प्रभु जी आए थे।
स्वर्ग में बैठे इन्द्रों के भी सिंघासन कम्पाये थे॥
जन्म लिया तो जन्मे ऐसे न दोबारा जन्म मिले।
जन्म-जन्म के कर्म कटें भव जीवों को जिन-धर्म मिले॥
जैन धरम है जात नही है सुन लेना।
नस्लों को सौगात नही है सुन लेना॥
जैन धरम का त्याग से गहरा नाता है।
केवल जात का जैनी सुन लो जैन नही बन पता है॥
जैन धर्म नही मिल सकता बाजारों में।
नही मिलेगा आतंकी हथियारों में॥
नही मिलेगा प्यालों में मधुशाला में।
धर्म मिलेगा त्यागी चंदनबाला में॥
कर्मो के ऊँचे शिखरों को तोड़ दिया।
मानव से मानवताई को जोड़ दिया॥
बीच भंवर में फंसी नाव को पार किया।
सब जीवों को जीने का अधिकार दिया॥
शरमाते हैं जो संतो के नाम पर।
इतरायेंगे महिमा उनकी जानकर॥
जैन संत कोई नाम नही पाखंडो का।
ठर्रा-बीडी पीने वाले पंडो का॥
जैन संत की महिमा बड़ी निराली है।
त्याग की बगिया सींचे ऐसा माली है॥
साधू बनना खेल नही है बच्चो का।
तेल निकल जाता है अच्छे-अच्छों का॥
नव योनि मिली है कुछ कल्याण करो।
बंद पिंजरे के आतम का उत्थान करो॥
शोर-शराबा करने से कुछ ना होगा।
और दिखावा करने से कुछ ना होगा॥
करना है तो महावीर को याद करो।
पल-पल मत जीवन का यूँ बरबाद करो॥
खुश किस्मत हूँ महावीर का मनन मिला॥
मनन मिला है चोबीसों भगवानो का।
सार मिला है आगम-वेद-पुराणों का॥
जैन धरम के आदर्शो पर ध्यान दो।
महावीर के संदेशो को मान दो॥
महावीर वो वीर थे जिसने सिद्ध शिला का वरन किया।
मानव को मानवता सौंपी दानवता का हरण किया॥
गर्भ में जब माँ त्रिशला के महावीर प्रभु जी आए थे।
स्वर्ग में बैठे इन्द्रों के भी सिंघासन कम्पाये थे॥
जन्म लिया तो जन्मे ऐसे न दोबारा जन्म मिले।
जन्म-जन्म के कर्म कटें भव जीवों को जिन-धर्म मिले॥
जैन धरम है जात नही है सुन लेना।
नस्लों को सौगात नही है सुन लेना॥
जैन धरम का त्याग से गहरा नाता है।
केवल जात का जैनी सुन लो जैन नही बन पता है॥
जैन धर्म नही मिल सकता बाजारों में।
नही मिलेगा आतंकी हथियारों में॥
नही मिलेगा प्यालों में मधुशाला में।
धर्म मिलेगा त्यागी चंदनबाला में॥
कर्मो के ऊँचे शिखरों को तोड़ दिया।
मानव से मानवताई को जोड़ दिया॥
बीच भंवर में फंसी नाव को पार किया।
सब जीवों को जीने का अधिकार दिया॥
शरमाते हैं जो संतो के नाम पर।
इतरायेंगे महिमा उनकी जानकर॥
जैन संत कोई नाम नही पाखंडो का।
ठर्रा-बीडी पीने वाले पंडो का॥
जैन संत की महिमा बड़ी निराली है।
त्याग की बगिया सींचे ऐसा माली है॥
साधू बनना खेल नही है बच्चो का।
तेल निकल जाता है अच्छे-अच्छों का॥
नव योनि मिली है कुछ कल्याण करो।
बंद पिंजरे के आतम का उत्थान करो॥
शोर-शराबा करने से कुछ ना होगा।
और दिखावा करने से कुछ ना होगा॥
करना है तो महावीर को याद करो।
पल-पल मत जीवन का यूँ बरबाद करो॥
Labels:
Jain,
Jain History,
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Jain Poem,
Jain Song,
Jain Story
Location:
Shankheshwar, Gujarat 384246, India
Tuesday, December 9, 2014
Jain Religion Hindi Poetry
" जैन धर्म "
💖 खुश किस्मत हूँ, पुण्यशाली हूँ
जैन धरम में जनम मिला।
खुश किस्मत हूँ , पुण्यशाली हूँ
महावीर का, मनन मिला ॥
जैन धरम में जनम मिला।
खुश किस्मत हूँ , पुण्यशाली हूँ
महावीर का, मनन मिला ॥
💖 मनन मिला, चींतन मिला
तीर्थंकर भगवानों का।
सार मिला, अमृत मिला
आगम और शास्त्रों का ॥
महावीर ने, अपनी वीरतासे..
सिद्ध शिला का वरन किया।
जीव दया के संदेश से..
दानवता का हरण किया ॥
तीर्थंकर भगवानों का।
सार मिला, अमृत मिला
आगम और शास्त्रों का ॥
महावीर ने, अपनी वीरतासे..
सिद्ध शिला का वरन किया।
जीव दया के संदेश से..
दानवता का हरण किया ॥
गर्भ में माँ त्रिशला के..
महावीर प्रभु जब आए थे।
स्वर्ग में बैठे इन्द्रों के
सिंहासन भी कम्पाये थे ॥
महावीर प्रभु जब आए थे।
स्वर्ग में बैठे इन्द्रों के
सिंहासन भी कम्पाये थे ॥
आखरी भवमे, जन्मे ऐसे
न दोबारा जन्म मिले ।
जन्म-जन्म के कर्म कटें
भवी जीवों को मोक्ष मार्ग मिले ॥
न दोबारा जन्म मिले ।
जन्म-जन्म के कर्म कटें
भवी जीवों को मोक्ष मार्ग मिले ॥
जैन एक धर्म है, जात नहीं है..
भवी जीव! सब सुन लेना !
नस्लों का सौगात नहीं है,
इतना सभी समज लेना ।
भवी जीव! सब सुन लेना !
नस्लों का सौगात नहीं है,
इतना सभी समज लेना ।
जैन धरम का.. त्याग से..
ईतना गहरा नाता है।
एशो-आराम से जीवन काटते
जैन नहीं बन पाता है।
ईतना गहरा नाता है।
एशो-आराम से जीवन काटते
जैन नहीं बन पाता है।
जैन धर्म नहीं मिल सकता..
बाजारों औरॅऑ चोबारों में।
नहीं वह कभी नजर आएगा
आतंकी हथियारों में॥
बाजारों औरॅऑ चोबारों में।
नहीं वह कभी नजर आएगा
आतंकी हथियारों में॥
नहीं कभी वह मिल पायेगा
प्यालों में, मधुशाला में ।
धर्म मिलेगा तुम्हे सिर्फ
त्यागी चंदनबाला में॥
कर्मो के ऊँचे शिखरों को
देखते देखते तोड़ दिया ।
मानव से मानवताई को
देखो कैसे जोड़ दिया ॥
प्यालों में, मधुशाला में ।
धर्म मिलेगा तुम्हे सिर्फ
त्यागी चंदनबाला में॥
कर्मो के ऊँचे शिखरों को
देखते देखते तोड़ दिया ।
मानव से मानवताई को
देखो कैसे जोड़ दिया ॥
बीच भंवर में फंसी नाव को
एक भवमे ही, पार किया ।
सब जीवों को शांतीसे,
जीने का अधिकार दिया॥
शरमाते हैं, भागते हैं जो..
संतो का नाम पडने पर।
इतरायेंगे, पछताएंगे,
मृत्यु आते जानकर॥
एक भवमे ही, पार किया ।
सब जीवों को शांतीसे,
जीने का अधिकार दिया॥
शरमाते हैं, भागते हैं जो..
संतो का नाम पडने पर।
इतरायेंगे, पछताएंगे,
मृत्यु आते जानकर॥
जैन संत, कोई नाम नही
पाखंडो और पंडों का।
ठर्रा-बीडी, धुआं चीलमी
बडे पेटवाले पंडो का ॥
पाखंडो और पंडों का।
ठर्रा-बीडी, धुआं चीलमी
बडे पेटवाले पंडो का ॥
जैन संत की, महिमा जगतमें
इतनी बड़ी, निराली है।
तप और त्याग की बगिया को
सींचे, जैसे माली है॥
इतनी बड़ी, निराली है।
तप और त्याग की बगिया को
सींचे, जैसे माली है॥
साधू बनना खेल नही है
तमाशा करने वालों का।
तेल निकल जाता है, देखो
अच्छे-अच्छे, पहलवानो का॥
तमाशा करने वालों का।
तेल निकल जाता है, देखो
अच्छे-अच्छे, पहलवानो का॥
मानव योनि मिली जब गई है
धर्म करो, कल्याण करो।
बंद पींजरेमे, कैद जो है
आतम का उत्थान करो॥
धर्म करो, कल्याण करो।
बंद पींजरेमे, कैद जो है
आतम का उत्थान करो॥
💥 शोर-शराबा, बाहरी दीखावा,
करने से, ना लाभ होगा ।
जींदगी सारी गुजर जायेगी
खाली हाथ, रह जायेगा ॥
करने से, ना लाभ होगा ।
जींदगी सारी गुजर जायेगी
खाली हाथ, रह जायेगा ॥
करना है तो धर्म ही करो,
महावीर प्रभुको याद करो।
पल-पल मत, जीवन का तुम
ईस तरह बरबाद करो ॥
महावीर प्रभुको याद करो।
पल-पल मत, जीवन का तुम
ईस तरह बरबाद करो ॥
Labels:
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Jain,
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Jain Story,
Shetrunjay
Location:
Palitana, Gujarat 364270, India
Friday, December 5, 2014
Destination ?
We keep on roaming Physically, Mentally, Electronically, Practically and Spiritually from Million of miles to Billions. But, Our wishes never comes to end.
We are non programmed which is the reason we think in all the direction and never comes to our Destination.
Whatever we travel is just a location but we never reach to our Destination.
Those who reach never complains never expects and fulfills all wishes.
We must quest for the destination and see the beauty which follows us and supports us to achieve destination.
This is a message which is given by all Jain Tirthankar or the Lords who achieved Destination and wants us to be a part of it too.
With blessings of Parmatma lets start our Journey towards the Destination and with his blessings lets we all achieve it soon.
Jai Jinendra. Pranam.
We are non programmed which is the reason we think in all the direction and never comes to our Destination.
Whatever we travel is just a location but we never reach to our Destination.
Those who reach never complains never expects and fulfills all wishes.
We must quest for the destination and see the beauty which follows us and supports us to achieve destination.
This is a message which is given by all Jain Tirthankar or the Lords who achieved Destination and wants us to be a part of it too.
With blessings of Parmatma lets start our Journey towards the Destination and with his blessings lets we all achieve it soon.
Jai Jinendra. Pranam.
Labels:
Destination. Moksha,
Gujarat,
Jain,
Jain Tirthankar
Location:
Palitana, Gujarat 364270, India
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